नेटवर्क मार्केटिंग में जोइनिंग के बाद काम क्यों नहीं करते | सभी लोगो का यह सरदर्द है |

जोइनिंग के बाद लोग काम क्यों नहीं करते, नेटवर्क मार्केटिंग में काम करने वाले सभी लोगो का यह सरदर्द है आज आपको वो कारण बताऊंगा की किसलिए आपके टीम के लोग काम नहीं कर रहे है, Why do people not work after joining network marketing? नेटवर्क मार्केटिंग में काम करने वाले सभी लोगो का यह सरदर्द है, की जोइनिंग के बाद लोग क्यों काम नहीं करते, क्यों टीम में 100 लोग है पर 10 लोग ही काम कर रहे है? और ऐसा क्या किया जाए ताकी सभी लोग काम करें, सभी लोग कैसे एक्टिव होंगे ताकी बिजनेस अच्छी तरह से चले,

आज आपको वो कारण बताऊंगा की किसलिए आपके टीम के लोग काम नहीं कर रहे है, अगर आप इसे ठीक कर लेते है तो यह कारण आपके नेटवर्क मार्केटिंग बिजनेस का सबसे अहम् पहलु को सुलझा देगा

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नेटवर्क मार्केटिंग बिजनेस का सबसे अहम् तीन कारण है

नेटवर्क मार्केटिंग में जोइनिंग के बाद काम क्यों नहीं करते
नेटवर्क मार्केटिंग में जोइनिंग के बाद काम क्यों नहीं करते

No.1 अपने आपको कम आंकना

यह एक ऐसा खतरनाक गुण है, (बुरा मत मानिएगा में इसे गुण कह रहा हु) जो इंसान अपने जिन्दगी में पाल लेता है, हमेशा निगेटिव बाते सुन सुनके खुदको कमजोर समझलेता है, कोई काम शुरू करने से पहले सोचता है शयद नहीं होगा, आपने आपको कम आकने लगता है और कुछ करने से डरता है

अपने आपको कम आकने वाला आदमी ना ही किसी के साथ अच्छी तरह बाते कर सकता है और ना ही जीवन में सफल बन सकता है, वो हमेशा अपने लाभ के लिए सोचता रहता है, अपने परिवार वालो के साथ हमेशा लीडर जैसा बरताव करेगा लेकिन घर के बहार आते ही हर फेशला किसी दुसरे ब्यक्ति के ऊपर थोप देगा,

वो हर काम के लिए दुसरो के ऊपर निर्भर रहेगा, हमेशा सोचेगा की में अगर यह काम करूंगा तो गलत हो जायेगा, उसे गलत होने का डर ज्यादा नहीं रहता है बल्कि गलत होने से लोगो की नजर में उसकी इज्जत कम रह जाएगी यही सोचके नहीं करता है, लेकिन अगर कोई दूसरा आदमी अगर गलती करे तो उसे डाटता रहता है और सुझाव देने लग जाता है असलमे गलती उसकी नहीं है| 

अपने जीवन में उसने जब जब कुछ करना चाहा

तो उसने गलत लोगो से सलाह ली और उसे लोगो ने नहीं होगा, नहीं हो सकता, फ़ैल हो जाओगे, गलती मत करो, कोई नहीं कर सका, यहाँ नहीं होता वगेरा वगेरा, जिन्दगी में सिर्फ ना ना ना सुनते सुनते उसके दिमाग में भी ना भर जाता है, दिमाग में शंका लेकर काम करने लग जाता है और फ़ैल हो जाता है| 

यही वह मूल कारण है की इंसान सफल नहीं बन पाता, नहीं तो सोचिए जन्म से कोई भी बच्चा स्मार्ट और बुद्धिमान नहीं होता, वह तो जितना बढ़ा होता जाता है उतना ही सीखता है, चाहे वो अच्छा हो या बुरा जो वो सीखता और देखता है वही वो बन जाता है, नेटवर्क मार्केटिंग में भी जब आप एसे लोगो के साथ मिलते है तब वो सोचने लगता है में नहीं कर सकता

लेकिन जब आप इनकम में लाखो दिखाते है तब लोभ के कारण करने के लिए तैयार हो जाता है, यह अच्छा है, पर यहाँ भी एक गलती है, जब आप सबकुछ समझा लेते है तब वो प्रोस्पेक्ट के बारे में सोचने लगता है की कौन उसके जान पहचान में चालक बन्दा है जो सेल्स करता है उसे लाने के लिए वो प्लान बनता रहता है| 

तभी आपको भी बोलेगा की मेरा एक रिश्तेदार है बहुत चालाक है

उसे लायेंगे तो धूम मचा देगा, आप भी तभी लोभ के कारण बोलते हो “जल्दी उसे बुलाओ” फ़ोन पर बात कराओ बगेरा, यहाँ गलती यह नहीं की आपको एक और प्रोस्पेक्ट मिल जाएगा, गलती यह है की ज्वाइन करवाने के बाद लोगो को तैयार नहीं करवाकर बाजार में छोड़ देते है, पहले आपको उसे तैयार करना होगा, प्रोडक्ट्स का इस्तमाल करना, उसका डेमो करना,

प्रोडक्ट और प्लान के बारे में जानकारी देना होगा, पहले आपको इसे तैयार करना है बाद में आपको दुसरे प्रोस्पेक्ट के पास जाना है, यही सफल नेटवर्क मार्केटिंग करने वाला करता है, लेकिन इसके साथ ही आपको एक और अहम् काम करना होगा और वह है पॉजिटिव सोच, जी हां जिसको आप ज्वाइन करवाएंगे उसको आप यह बिस्वास दिलाइए की वो भी कर सकता है, उसके जैसे बहुत सारे लोग कर चुके है और सफल बन चुके है, इसलिए वो भी कर सकता है, कुछ कहानिया हो सके तो सुनाइए, एक अच्छा सा किताब उसे पढ़ने को बोलिए या दीजिये,

किताब पढ़ने के बाद उसका अत्मबिस्वास दस गुना बढ़ जाएगा, उसे भी अमीर बनने की इच्छा होगी, वो भी सब कुछ कर सकता है, ऐसा पॉजिटिव सोचने लगेगा, बस किताब देने के बाद आप उसे दखिए की वो पढ़ जरुर ले, फिर वो काम के लिए तैयार हो जाएगा, यही मास्टर प्लान है

नेटवर्क मार्केटिंग में सफलता के सूत्र

No.2  अमीर न बनने की इच्छा

इंसान अपने कम्फर्ट जॉन में रहकर सोचता है जैसी जिन्दगी चल रही है वैसी अच्छी है, ज्यादा महनत नहीं, ज्यादा काम नहीं, सुबह काम पर जा रहा हु और रात को लोटके आ रहा हु, छुट्टी के दिन भी घूम रहा हु, महीने में परिवार चलाने लायक पैसा मिल रहा है, मस्त रहो टीवी देखो, गप्पे मारो और शो जाओ, लेकिन यहाँ एक दिक्कत यह होती है की जितना उसे पैसा चाहिए होता है उतना नहीं मिलता| 

यानी खर्च करना तो चाहता है बहुत पर उतना पैसा नहीं मिलता, इसलिए हर परिवार में ज्यादा खर्च न करने और हिसाब से चलने का टेनशन हमेशा रहता है, कोई अगर चंदा मांगने आए और कुछ ज्यादा दे दिया तो उसका बजेट बिगर जाता है, फिर से बजेट को घटाने का चिंता, यह सबका लाइफ है और दो साल पहले मेरा भी यही हालत था| 

लाइफ ठीक थी पर अच्छा नहीं लगता था, जब पत्नी कुछ लाने को बोलती तो गुस्सा आ जाता था, बेटा कुछ मांगे तो उसे रोज टालता रहता था कल लाऊंगा बोलकर, यह सिर्फ अमीर न बनने की इच्छा से हुआ था, लेकिन भगवान् की कृपा से में महनत करने लगा और आज मेरी जिन्दगी बदल गयी और आज अच्छा खासा पैसा कमाने लगा

आप भी कर सकते है बस सोच को बदलिए

लोग हमेशा सोचते है की ज्यादा पैसा ख़राब होता है, लेकिन यह भी सच जान लो की कम पैसा भी ख़राब होता है, सबको देना तो चाहते है लेकिन कमाना नहीं चाहते और सोचते रहते है की कही से लोटरी लग जाए या फिर नोट बंदी के समय लाखो रुपया रस्ते पर परा मिल जाता तो लाइफ बदल जाती| 

पैसा एडजस्ट करके चलने का अहसास बहुत ख़राब अहसास है जो मुझे पता है, बहुत ख़राब था, लेकिन भगवान् की कृपा से मुझे एक अच्छे गाइड मिले जिन्होंने मुझे समझाया की तुम्हे अमीर बनना है और पैसे कमाने की जरुरत है| अपने परिवार को सभी खुशिया देना है| लोगो की मदत करनी है| यह सब सुनते सुनते धीरे धीरे मेरा दिमाग भी बदलने लगा और दो साल के अन्दर ही मैंने अपना इनकम पांच गुना बढ़ा लिया| 

अभी इसे 100 गुना बढ़ाने के लिए काम कर रहा हु और मुझे अब बहुत अच्छा लग रहा है| अभी रात के 1.40 बजे है और में यह राज ख़ुशी के साथ आपको बता रहा हु की सिर्फ सोच बदलकर काम करने से आपका जीवन बदल सकता है और आप भी बहुत धन कमा सकते है| 

इंसान अगर गरीब लोगो के साथ दोस्ती करेगा तो वह कभी अमीर नहीं बन पाएगा, क्युकी आप अगर गरीब लोगो के साथ दोस्ती करते है तो उनके सरल जीवन शेली को देखकर उनके जैसा सोचने लगते है| थोड़ा सा कमाओ और खाके शो जाओ| वो जब ऐसा जीवन जी सकते है तो में क्यों नहीं कर सकता? में तो उनसे भी ज्यादा कमाता हु, यह सोच आपके दिमाग में घर कर लेगा, और आप सरल जीवन बिताने के राह पर चल परेंगे, कहने का यह मतलब नहीं है की गरीब अच्छे नहीं होते या गरीब से मिलना पाप है, लेकिन यह भी जान लीजिए की

गरीब रहना कोई पुण्य का काम भी नहीं है

अगर बिस्वास नहीं होता तो कभी किसी गरीब से पूछकर देखिएगा की उनको कैसा जीवन पसंद है? जब आप सोचते है ज्यादा पैसे से क्या करना, तब आपके शारीर पर अलसता आ जाती है और अलसता आपको कमफोर्ट जोन में ले जाती है, जहा से आप सिर्फ आराम करने और मस्ती करने के बारे में सोचने लगते है, यह मेरे साथ पहले हुआ था| 

में हर दिन तीन से पांच फिल्मे देखता था और हर महीने पचास से शो डी.वी.डी. केसेट खरीद्के लाता था जो अब भी मेरे गोदरेज में परा है, गरीबो से मिले, पर इसलिए मिले की आपको अमीर बनके उनकी मदत करनी है और उनको उन परिस्थियों से निकालना है, गरीबो से सहानुभूति रखिए और उनकी मदत करने का संकल्प करे,

और अपने काम पर ब्यस्त हो जाइए
आप जिस तंगी के दौर से गुजर रहे है
उस दौर से पहले धीरे धीरे अपने आपको निकालिए
और फिर और ज्यादा पैसे कमाने के प्लान पर काम करना
शुरू कर दीजिये, सिर्फ यह सोच आपको ज्वाइन करने के बाद
उसके दिमाग में जगाना है, य
ह जब जागेगा और तब उसके सोच में परिवर्तन आएगा
और फिर वो आदमी काम करने लग जाएगा 

No.3 नकारात्मक सोच

जब कोई भी पहली बार नेटवर्क मार्केटिंग में आता है
तब वह अपने इच्छा से नहीं आता| उसको समझाकर,
प्रलोभन देकर, गारी, बिदेश यात्रा,
बोहुत सारा इनकम दिखाकर लाया जाता है
लेकिन आने के बाद सोचता रहता है

कि शयद यह बिजनेस नहीं होता,
लोग ज्वाइन नहीं करते, प्रोडक्ट नहीं बिकता वगेरा वगेरा
ठीक उसी समय उसके दोस्त या पडोसी जान लेते है
और शुरू हो जाते है, 

अरे नेटवर्क मार्केटिंग में ज्वाइन किया है?
अब तू मरेगा, तू तो पक्का फसने वाला है,
ये नहीं होता, मेरे चाचा के लड़के ने यही किया था
और कर नहीं पाया, वो कितना स्मार्ट है पता है?
तुझसे भी ज्यादा चालक है, क्यों अपना समय बर्बाद कर रहा है?
अरे तू लोगो से कैसे बात करेगा? लोगो को यह सब बेच नहीं पाएगा,
कुछ और देखले वगेरा वगेरा| 

ऐसे और भी बाते लोगो से सुनने के बाद
उसका मन और भी टूट जाता है,
यह एक नकारात्मक सोच है और यह आपके साथ भी हुआ था,
आपने झट से आते ही नायक के अनिल कापुर की तरह काम करना
शुरू नहीं किया था| धीरे धीरे आप लोगो से मिले,
मीटिंग पर गए, किताब पढ़ी, सीडी सुना, बीडीओ देखा,
अपलाइन की बाते सुनी, मीटिंग पर बहुत सारे लोगो से मिले
और धीरे धीरे आपका बिस्वास बढ़ता गया और
आप काम करने लगे

यह सबके साथ भी होता है और होगा भी,
यह नकारात्मक सोच आपको अपने प्रोस्पेक्ट के दिमाग से भी
निकालना होगा और वो धीरे धीरे कीजिए,
इसके लिए आप अपनी अपलाइन की मदत ले
पहला जो दो बाते

“आपने आपको कम आकने और अमीर न बनने की इच्छा” को
अपने ठीक कर दिया तो नकारात्मक सोच आपके डाउन लाइन के
दिमाग से दूर चला जायेगा और वो काम करने लग जायेगा

फिर आप उसके साथ काम करने लग जाइए

याद रखे एक बार आपका डाउन लाइन
ठीक हो गया तो इसका मतलब हमेशा वो ठीक नहीं रहेगा,
आपको हफ्ते में एक बार उसके साथ मिलना है
और काम की बाते,
पॉजिटिव बाते कीजिए या कोई किताब पढ़ने के लिए दीजिए,
नहीं तो याद रखे चारो तरफ वही पुराने लोग घूम रहे है,
इसलिए आपको भी यह करने की जरुरत है,|

उठो जागो जब तक न तुम
अपने लक्ष्य पर पहुँचते हो
तब तक रुकना नहीं
थकना नहीं

स्वामी बिबेकानन्द

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